कुषि बिल के विरोध में 30 दिसंबर को सिंघु बॉर्डर से टिकरी ओर शाहजहांपुर तक मार्च निकालेंगे किसान
कुषि बिल के विरोध में 30 दिसंबर को सिंघु बॉर्डर से लेकर टिकरी और शाहजहांपुर तक मार्च निकालेंगे किसान भाई किसानों को अपना आंदोलन शुरू करने का समय 31 दिन पूरे हो गए हैं की किसान आंदोलन कर रहे हैं लेकिन हमारी केंद्र की सरकार जो कि किसान निकम्मी सरकार किसान कह रहे हैं किसानों को कहना है कि यह सरकार पूरी तरह से निकम्मी और नालायक सरकार है
सरकार और किसानों के बीच क्या चल रहा है
फिलहाल सरकार और किसानों के बीच क्या चल रहा है हमारे भारत के किसान जो केंद्र सरकार ने अपने 20 से 40 लोगों के बीच बैठकर नए कृषि कानून बना दिए हैं और इंडिया में उन कानूनों को लागू भी करवा दिया है जो कानून 20 से 40 लोगों ने बनाए हैं उन कानूनों का विरोध करोड़ों की संख्या में लोग हमारे किसान भाई दिन रात कर रहे हैं लेकिन फिर भी केंद्र सरकार उन कानूनों को रद्द नहीं करवा रही है जिसका विरोध हरियाणा पंजाब इंडिया के सभी किसान कर रहे हैं
सरकार जो न्यूता किसानों को भेज रही है उसे किसान बार-बार क्यों खारिज कर रहे हैं
किसानों से मिलने से डर रहे हैं केंद्र सरकार के मंत्री इसी वजह से केंद्र सरकार के मंत्री बार-बार किसानों को मिलने का न्योता भेज रहे हैं जो कि किसान भाई खारिज कर रहे हैं क्यों केंद्र सरकार के सभी मंत्री हमारे किसान भाई से सीधे-सीधे बातचीत नहीं कर रहे हैं क्यों वह हो किसानों से इतना ज्यादा डर रहे हैं क्या सच में उन्होंने बहुत बड़ी गलती कर दी है ने कुषि कानून बनाकर उन्होंने सिर्फ 20 से 40 मंत्रियों के बीच नए कुषि बिल को पास करवाने के बजे से वह किसानों से मिलने से डर रहे है इसी वजह से वह सिर्फ किसानों को मिलने का न्यूता भेज रहे ना कि उनसे मिलने के लिए सिंघु बॉर्डर पर जा रहे हैं
जब किसानों की हटि तब केंद्र सरकार की बहुत जोर से पटी
जब किसानों की हटी तब केंद्र सरकार की सभी मंत्रियों की बहुत जोर से हटी केंद्र सरकार के मंत्री किसानों से अब डर रहे हैं 31 दिन हो गए हैं कि किसान भाई इतनी ठंड में अपने हक मांगने के लिए केंद्र सरकार से लड़ रहे हैं केंद्र सरकार के मंत्रियों का कहना है कि जो नए कृषि कानून बनाए गए हैं बहुत सब किसानों के खेत में है लेकिन कानून किसी से पूछ के या किसी का छल्ला ना लेकर बनाए गए हैं उस कानून का क्या मतलब होता है ऐसा किसान पूछ रहा है क्योंकि जो कानून केंद्र सरकार ने बनाया है वह सिर्फ बीजेपी के नेताओं के बीच बनाए गए कानून है जोकि 20 से 40 लोगों के बीच इन कानूनों को पास करवाया गया है इसी के वजह से केंद्र सरकार के सभी मंत्री किसानों से डर रहे हैं और किसानों से मिलने के लिए नहीं जा रहे हैं यहां तक की भारत के पंतप्रधान नरेंद्र मोदी भी किसानों से मिलने के लिए सिंघु बॉर्डर पर नहीं जा रहे हैं और सिर्फ ट्वीट कर कर यह सोशल मीडिया से ही किसानों से बातचीत करने की कोशिश कर रहे हैं
अब किसानों को पूरे 31 दिन हो गए हैं कि किसान इतनी भरी ठंड में अपना आंदोलन शुरू रख रहे हैं
किसान भाइयों को अपना आंदोलन शुरू करने के लिए लगभग अब 31 दिन पूरे हो गए हैं जबकि किसान अपने आंदोलन में अब तक बहुत ही सहनशीलता से खड़े हैं और बहुत ही अच्छी तरीके से किसान आंदोलन कर रहे हैं केंद्र सरकार क्यों किसानों से डर रही है क्या कारण है किसानों से डरने का जब करोड़ों किसानों से पूछा गया कि जो नया कृषि कानून बनाए गए हैं क्या करोड़ों की संख्या में किसान उसका विरोध कर रहे हैं जो कानून 40 से 50 लोगों के बीच बनाया गया है उसका विरोध करो की संख्या में किया जा रहा है लेकिन उसके बाद भी केंद्र सरकार उन कानूनों को खारिज करने का नाम नहीं ले रही है अब तक कितनी किसान भाइयों की जान चली गई है आंदोलन करते समय लेकिन फिर भी केंद्र सरकार किसानों कि सुन नहीं रही है और उन कानूनों को खारिज नहीं कर रही है।
नरेंद्र मोदी सीधे-सीधे किसानों से क्यों बातचीत नहीं कर रहे हैं
नरेंद्र मोदी किसान निधि की किस्त देने के टाइम किसानों के साथ बातचीत कर रहे थे नरेंद्र मोदी ने किसानों के लिए कहा कि जो नए कृषि कानून बनाए गए हैं बिल्कुल ही किसानों के हित को देखते बनाएगा यह है और उन कानूनों के इज्जत से किसान बहुत ज्यादा तरक्की कर सकते हैं लेकिन जब किसानों से पूछा गया कि क्या जो नरेंद्र मोदी जी बात कर रहे हैं वह बात सही है या गलत तब किसानों ने कहा कि नरेंद्र मोदी जी जो बात कर रहे हैं वह बिल्कुल ही गलत है क्योंकि करोड़ों की संख्या में अगर किसान इस बिल का विरोध कर रहे हैं तो इस बिल में ऐसा कुछ होगा जो किसानों को ना मंजूर है इसी के कारण किसान भाई इस बिल का इतना ज्यादा विरोध कर रहे हैं किसान भाइयों ने साफ तौर पर कहा है कि जो केंद्र सरकार ने नए कृषि कानून बनाए हैं ओहो किसानों को और पीछे ले जाएंगे किसान और ज्यादा गरीब हो जाएंगे अगर यह बिल आगे भी रहे तो किसान कभी तरक्की नहीं कर पाएंगे इसी वजह से सारे किसान इस बिल का विरोध कर रहे हैं
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