क्या इंडिया में फिर से कोरोना बड़ी तादाद में फैल रहा है क्या इसके पीछे राजनीति चल रही है
इंडिया में कोरोना की वैक्सिंग आने के बाद भी इतनी बड़ी तादाद में 2 महीनों के अंदर कोरोना के पेशेंट निकल रहे हैं यह किस हद तक सही या गलत है
पिछले 1 से 2 महीने में इंडिया में लगातार कोरोना के मरीज बढ़ते जा रहे हैं लेकिन क्या सच में फिर से कोरोना इंडिया में अपनी जड़े मजबूत करना शुरू कर दिया है कई लोगों का मानना है कि इसके पीछे बहुत ही चालाकी से राजनीति चल रही है क्योंकि हमें पता है अभी पश्चिम बंगाल में इलेक्शन है वहां पर ममता बनर्जी नरेंद्र मोदी अमित शाह लाखों की तादाद में लोगों को इकट्ठा कर रहे हैं और वहां पर बड़ी तादाद में सभा या रैली निकाली जा रही है लेकिन वहां पर किसी भी तरीके का कोरोना केस नहीं बढ़ रहा है लेकिन सभी राज्यों में लगातार कोरोना बढ़ रहा है
अभी सभी राज्यों में हमें पता चला है कि लॉकडाउन लगने के संकेत दिखाई दे रहे हैं लेकिन क्या सच में लॉकडाउन लगने से कोरोना खत्म हो जाएगा क्या कोरोना केस कम होंगे
जैसे कि हमें पता है अगर कोरमा ज्यादा बढ़ा है और ना के मरीज ज्यादा निकले तो सरकार फिर से एक बार लॉकडाउन लगा देगी जिससे गरीब लोग घर में भूखे मरेंगे जो कोरोना से मरने वाले थे वह तो बच जाएंगे लेकिन लोग ज्यादा भुखमरी से और उन पर जो कर्जा है उनकी EMI भरते भरते ही मर जाएंगे क्योंकि लग डाउन लगने के बाद भी लोगों की EMI शुरू ही रहती है जिसके कारण उन्हें लोग तंग करते हैं और इसी तंग आने से वह परेशान होकर कई बार गलत काम कर बैठते हैं
कई लोगों को लगता है कि सरकार अब कोरोना में राजनीति कर रही है
अभी हमने देखा कि औरंगाबाद में जो लॉकडाउन लगने वाला था वह रद्द हो गया है हालांकि न्यूज़ चैनल ऐसा दिखा रहे हैं कि जिसने लॉकडाउन खारिज करवाया है उसने कोरोना के नियम को अच्छी तरीके से पाला नहीं है क्योंकि जब उन्हें लोग अपने कंधे पर बिठा करना रैली निकाल रहे थे तो न्यूज़ चैनल वालों ने ऐसा दिखाया कि वह कोरोना के नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं वहां पर 50 से 100 लोग थे जिन्होंने मास पहना हुआ था लेकिन फिर भी एक दो आदमी ने मांस नहीं पहना था तो न्यूज़ चैनल ने ऐसा दिखाया कि वहां पर लोगों ने मांस नहीं पहना है वहां पर लोगों ने सोशल डिस्टेंस का पालन नहीं किया है लेकिन क्या जब नरेंद्र मोदी ने पश्चिम बंगाल में 1500000 लोगों की सभा ली तब वहां पर सोशल डिस्टेंस था क्या जब अमित शाह नरेंद्र मोदी किसी भी इलेक्शन के लिए रेलिया निकालते हैं तब वहां पर सोशल डिस्टेंस लोगों ने मास्क पहना हुआ होता है तो नहीं हमने अभी देखा कि नरेंद्र मोदी ने पश्चिम बंगाल में बहुत बड़ी सवाली वहां पर कई लोगों ने मांस नहीं पहना था और सोशल डिस्टेंस क्या होता है यह तो वहां पर नहीं दिखाई दे रहा था लेकिन फिर भी एक भी न्यूज़ चैनल ने नहीं दिखाया कि वहां पर इतनी तादाद में लोग इकट्ठा हो रहे हैं उनकी बजे से कोरोना संकट फिर से आ सकता है लेकिन किसी भी न्यूज़ चैनल ने ऐसा नहीं दिखाया
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