कृषि कानून के खिलाफ किसान कर रहे प्रदर्शन देखिए पूरी न्यूज़
नऐ कृषि कानून के खिलाफ किसान आंदोलन कर रहे हैं और इसी आंदोलन के चलते हैं अमित शाह ने किसानों को 3 दिसंबर को बातचीत करने का न्योता भेजा है और कहा है कि दिल्ली हरियाणा सीमा छोड़कर उन्हें बुराडी़ के ग्राउंड पर जाना होगा लेकिन किसानों ने अमित शाह का न्योता मंजूर नहीं किया
अमित शाह का न्योता किसानों ने किया खारिज
अमित शाह ने किसानों को आंदोलन के बारे में बातचीत करने के लिए न्योता भेजा था जो किसानों ने खारिज कर दिया है किसानों का कहना है कि हम जहां पर आंदोलन कर रहे हैं हम उसी जगह पर आंदोलन करेंगे हम किसी दूसरी जगह पर नहीं जा सकेंगे अमित शाह ने उन्हें न्योता भेजा था कि उन्हें 3 दिसंबर को अमित शाह से बातचीत करनी है लेकिन किसानों ने अमित शाह का न्योता खारिज कर दिया अमित शाह का कहना था कि किसानों को पहले दिल्ली हरियाणा सीमा छोड़कर उन्हे बुराड़ी के मैदान पर आना होगा किसानों ने इससे इनकार कर दिया है
क्यों नए कृषि कानून का विरोध इतने बड़े स्तर पर किसान कर रहे हैं
सरकार ने नया कृषि कानून 17 सितंबर लोकसभा में पास कर दिया था उसी के बाद ही किसान इस कुषी कानून के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों को यह नया कृषि कानून रद्द करवाना है क्या है कुषी कानून देखिए सरकार का कहना हैै कि इस नए कानून में सिर्फ और सिर्फ किसानों काहि उद्धार देखा गया है लेकिन किसानों काा कहना इस कानून केेेे पास होने के बाद किसानो और तरीके झेलनी पड़ सकती है इस कानून में ऐसा है कि है कृषि उत्पादन व्यापार वाणिज्य और सर्वसाधारण सुविधा को लेकर इस कानून के तहत 2020 में किसान पीएमसी यानि कि कृषि उत्पादन विपणन समिति के बाहर यह अपने उत्पादन बेच सकते हैं और नए कानून के तहत किसानों को या उनके खरीदारों को मिडियो कोई भी फिज भी देनी पड़ेगी यह बिल लोकसभा में 17 सितंबर को पास करवाया गया था सिर्फ कुछ लोगों में बैठकर इस बिल को पास करवाया गया है
मोदी जी ने आज तक जितने भी बदलाव किया है वह सब बदलाव लोगों के हित में नहीं मानते हैं लोग ज्यादातर
बीजेपी सरकार कहना है कि इस बिल के कारण सिर्फ किसानों का फायदा होगा लेकिन किसानों का कहना है कि इस बिल के कारण सिर्फ और सिर्फ किसानों का ही नुकसान होगा किसानों का कहना है कि हम सब फसलें उगा एंगे और कंपनी वाले लोग उसका भाव लगाएंगे एक ऐसा कानून बनाया है आपने पहले ही किसान कितने बातों से लड़ता है 1 साल 2 साल एक ही फसल में मेहनत करने के बाद फसल निकलती है और अगर उस फसल का दाम अगर किसान नहीं लगा पा रहा है तो किसान क्या कर सकता है मोदी जी का कहना है कि हमारी सरकार किसानों के हित में है लेकिन एक बात कितनी सच है
मोदी जी की सरकार किसानों के हित में है तो लाखों की संख्या में किसान क्यों प्रदर्शन कर रहे हैं क्यों किसान इस सरकार से खुश नहीं है क्या किसानों को उनकी फसलों का अच्छी तरीके से दाम मिल रहा है क्या सभी किसान इस सरकार से खुश है नहीं जो सरकार के खिलाफ लाखों की संख्या में किसान प्रदर्शन कर रहे हैं वह तो कोई दिखाई नहीं रहा है पहले इस देश में किसानों को ही सम्मान दिया करते थे लेकिन अब किसान खुद इतने ठंडी में खुली जगह पर अपनी बात रखने के लिए आंदोलन कर रहे हैं
बीजेपी सरकार ने अब तक जितने भी फैसले लिए है वह सब फसलें हैं अब तक लोगों को पीछे ही ले गए हैं
बीजेपी सरकार ने आधी रात को है नोटबंदी कर दी थी उस टाइम कितने लोगों के बिजनेस थप्पड़ गए कितने लोगों की नौकरियां चली गई इतने सारे लोग परेशान हो गए और सरकार कह रही थी कि नोटबंदी करने से इंडिया में जितना भी काला धन छुपा है वह सब बाहर निकल जाएगा और इंडिया अच्छी तरीके से ग्रोथ कर पाएगी लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हुआ इंडिया में तो इस सरकार ने कुछ भी कालाधन बाहर नहीं निकाला उस टाइम सिर्फ और सिर्फ गरीब लोगों का ही तुम से 4 दिन तक बैंकों के बाहर लाइन लगाने पड़े बंदी का फार्मूला इस सरकार का फेल चला गया
उसी के बाद बीजेपी सरकार ने भारत में जीएसटी लगा दिया
बीजेपी सरकार का कहना था कि अगर भारत में जीएसटी लगा दिया गया तो भारत का जीडीपी बहुत ज्यादा बढ़ जाएगा और भारत अच्छी तरीके से ग्रो कर पाएगा लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हुआ जिस दिन भारत में जीएसटी लगवा दिया गया है उस दिन से सभी की चीजों की कीमतें बढ़ गई है लेकिन सरकार को यह नहीं पता कि अगर जीएसटी लगाने से सभी चीजों की कीमतें बढ़ गई तो लोक से खरीद कैसे सकेंगे सरकार ने जीएसटी लग वाही दिया था तो सरकार को नए रोजगार भी निकालने चाहिए थे सरकार ने किसी भी तरह कैसे रोजगार नहीं बढ़ाया लोगों की पगार नहीं बढ़ाई मजदूरी करने वाले लोगों को किसी भी तरीके से अच्छी इनकम जनरेट हो ऐसा कुछ भी काम नहीं किया मजदूरी करना है लोग कहां से इतना पैसा लाएंगे और इतनी महंगी चीजें खरीदेंगे
जिस दिन से भारत में जीएसटी लगवा दिया उसी दिन से भारत के जीडीपी नीचे गिरने लगी क्या कारण है जीडीपी नीचे गिरने का भारत में इस बार सबसे ज्यादा जीडीपी पहली बार गिरी है सिर्फ और सिर्फ बीजेपी सरकार में ही जीडीपी इतने नीचे गई है और इस सरकार ने अब यह लोकसभा में गिने चुने लोग में ही कुषी कानून पास करवा दिया इस कानून का लाखों करोड़ों की संख्या में किसान विरोध कर रहे हैं इतनी ठंडी में किसान खुली जगह पर रात गुजार रहे हैं फिर भी इस सरकार ने किसानों के लिए कुछ किया है तो नहीं सरकार ने तो किसानों से मिलने के लिए 3 दिसंबर को मुलाकात रखी थी और किसानों को कहा था कि उन्हें दिल्ली हरियाणा सीमा छोड़कर बुराड़ी के मैदान पर आना होगा जो किसानों ने नामंजूर कर दिया अमित शाह ने किसानों को मिलने के लिए न्योता भेजा था जो किसानों ने खारिज कर दिया
क्या अमित शाह ने किसानों को मिलने के लिए न्योता भेजना सही है क्या अमित शाह किसानों से मिलने के लिए वहां नहीं जा सकते जिस टाइम इलेक्शन होते हैं उस टाइम को यह मंत्री किसानों के पैर पड़ते हैं क्या अब वह उन किसानों से मिलने के लिए वहां पर नहीं जा सकते उन किसानों के दुख दर्द के उपाय नहीं निकाल सकते अगर अमित शाह को किसानों से बातें करनी है तो उन्हें वहां पर जाना चाहिए और उन्हें नहीं तो बीजेपी के सभी मंत्रियों को किसानों से मिलना चाहिए यहां तक कि भारत के पीएम तक को किसानों की बात अच्छी तरीके से सुननी चाहिए और समझनी चाहिए कि किसानों को क्या चाहिए जो किसान इतने बड़े स्तर पर आंदोलन कर रहे हैं जो सरकार से खुश नहीं है किसान यह सब कुछ बीजेपी के मंत्रियों को समझना चाहिए
जो किसान पूरे देश को चलाता है आज वही किसान ठंड में खुली छत में रात गुजार रहा है इतनी जोरदार ठंड में भी वह आंदोलन कर रहे हैं फिर भी सरकार को कुछ नहीं समझ रहा है
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