पोटोदा गांव के सरपंच रह चुके भास्कर पेरे ने कहा कि मैं अब रिटायर हो चुका हु
2021 में पोटोदा गांव में सरपंच पद के लिए इलेक्शन हुए जिसमें पोटोदा गांव के 25 साल में ना हरने वाले सरपंच कल उनका पूरा का पूरा पैनल हार चुका है लेकिन भास्कर पेरे ने कहा है कि मैं इस बार इलेक्शन में खड़ा नहीं था इस बार इलेक्शन लड़ने के लिए मेरी बेटी खड़ी हुई थी लेकिन मेरी बेटी इलेक्शन हार चुकी है और उन्होंने यह कहा कि मैं 25 सालों से गांव का सरपंच ता और इसी वजह से मुझे ऐसा लगा कि मुझे अब रिटायर हो जाना चाहिए
भास्कर पेरे ऐसा क्यों कहा कि हर इंसान को एक दिन रिटायर हो जाना चाहिए
भास्करराव पेरे ने ऐसा क्यों कहा कि हर किसी को रिटायर होना ही पड़ता है एक दिन उन्होंने ऐसा इसलिए कहा कि 25 से 30 सालों से वही उस गांव के सरपंच थे लेकिन उनका कहना है कि गांव के हर इंसान को सरपंच बनने का पूरा अधिकार है और अगर मैं इस बार भी इलेक्शन में खड़ा होता तो मैं ही जीत कर आता लेकिन मैं इस बार ग्राम पंचायत इलेक्शन में खड़ा नहीं हुआ लेकिन मेरी बेटी अनुराधा पेरे ने कहा कि इस बार इलेक्शन में मैं खड़ी होती हूं और वह इलेक्शन में खड़ी हो गई लेकिन मेरी बेटी इरेक्शन हार गई लेकिन इसमें कोई बड़ी बात नहीं है क्योंकि जो आदमी इलेक्शन जीता है वह भी हमारे ही गांव का है और इसीलिए मैं अब उसका ही समर्थन करूंगा मैं भी पहली बार इलेक्शन हार गया था इलेक्शन हारना और जितना कोई बड़ी बात नहीं होती है
भास्कराव पेरे ने उनका गांव पूरे भारत में प्रसिद्ध तक पहुंचाया है
कौन है भास्करराव पेरे भास्कर राव पोटोदा गांव 30 सालों तक गांव के लेकिन 2021 पोटोदा गांव मे भास्कर राव फेरे इलेक्शन में खड़े नहीं थे और इसी की वजह से वह इस बार पोटोदा गांव सरपंच नहीं बन पाए उन्होंने ही कहा था कि मैं अब रिटायर होना चाहता हूं क्योंकि गांव में सरपंच बनने के लिए दूसरे भी उम्मीदवार है और हर किसी को गांव के नागरिक को सरपंच बनने का पूरा अधिकार है इसी की वजह से मैं इस बार सरपंच पद के लिए खड़ा नहीं हुआ और मुझे खुशी है कि हमारे गांव के ही अच्छे व्यक्तिमत्व इलेक्शन जीत कर आए हैं और मुझे पूरा विश्वास है कि जैसे मैंने पूरी श्रद्धा से गांव का विकास किया वैसे ही दूसरे सरपंच और मेंबर गांव का विकास करेंगे
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