कुषि बिल के विरोध में 60,000हजार ट्रैक्टर किसान दिल्ली ले गए जानिए पूरी न्यूज़
कुषि बिल के विरोध में आंदोलन कर रहे किसन 7 जानेवारी को दिल्ली की तरफ 60,000 ट्रैक्टर ले गए जिसमें कई महिलाएं भी शामिल थि नए कुषि बिल के विरोध में किसान अब बड़ी तादाद में आंदोलन करेंगे और उनका साथ पूरा भारत भी देगा काफी हफ्तों से सिंघु बॉर्डर पर किसान भाई आंदोलन कर रहे हैं उनके आंदोलन में कई किसान भाइयों की मौत भी हो चुकी है लेकिन फिर भी किसान भाई अपने आंदोलन में डटे हुए हैं
Name three bills passed by Narendra Modi against farmers
नरेंद्र मोदी द्वारा संचालित कुषि बिलो का नाम जाने यह बिल नरेंद्र मोदी ने अपने भाषण में कहा था कि जो नए कृषि कानून बनाए गए हैं वह किसानों के हित के लिए ही बनाए गए हैं हालांकि उसका उलट हो गया है किसान इस बिलों का लाखों की संख्या में विरोध कर रहे हैं और वही सही बात है इन बिलों का नाम जाने पहला कूषि कानून काा नाम कूषक उपज व्यापार और वाणिज्य )(संंवधेन और सरलिकरन ! विधायक 2020 है नरेंद्र मोदी ने कहां हैै कि इन बिलों किसानों का भला होगा लेकिन लाखों किसान इन बिलों का विरोध कर रहे हैं क्योंकि किसानों को पता है इन बिलों से उनका कभी भी उद्धार या भला नहीं होगा
किसान इतनी बड़ी तादाद में नरेंद्र मोदी सरकार का विरोध क्यों कर रहे हैं
इंडिया के किसान इतनी बड़ी तादाद में नरेंद्र मोदी की सरकार का विरोध क्यों कर रहे हैं इंडिया में पहली बार ऐसा हुआ है कि ऐसी सरकार सत्ता में आई है जिस सरकार का सभी के तरफ से निरोध हो रहा है इस सरकार का विरोध इंडिया के हर व्यक्ति ने किया है क्योंकि इस सरकार ने ऐसे कानून किसानों के लिए बनाए हैं जिन कारणों से किसान जिंदगी में कभी भी तरक्की नहीं कर पाएंगे इसी के कारण लाखों की संख्या में किसान भाई नरेंद्र मोदी जी की सरकार का विरोध कर रहे हैं हाली के एक बयान में सोनिया गांधी ने एक बयान दिया था जिसमें उन्होंने कहा था कि 70 सालों में पहली ऐसी सरकार आई है जो किसानों को और पीछे ले जाने का काम कर रही है इस सरकार का सभी के तरफ से विरोध हो रहा है लेकिन ऐसे बहुत से न्यूज़ चैनल है जो यह न्यूज़ बहुत ही कम दिखा रहा है
सोनिया गांधी ने बीजेपी सरकार को अहंकारी सरकार कहा था
सोनिया गांधी ने इस सरकार को अहंकारी सरकार कहा था जो अपने मन से खुद कायदे कानून बनाने लग गया है इन्हें लोगों का कुछ भी लेना देना नहीं है अगर इन्होंने 40 से 50 लोगों के बीच में इन कानूनों बनाया है तो इन कारणों का लाखों की संख्या में लोग विरोध कर रहे हैं अगर इतनी ही लोग इन कानूनों का विरोध कर रहे हैं कई किसानों की मौत भी हो चुकी है क्या फिर भी यह सरकार इन काले कानूनों को वापस नहीं ले रही है ऐसा क्यों यह सरकार कर रही है क्या यह सरकार यह भूल गई है कि इंडिया में अब तक लोकशाही ही चल रही है इंडिया में हुकुम शाहि नहीं है यह सरकार यह भूल रहा है कि जो लोग देश को चलाते हैं यह सरकार ऐसे ही पंगा ले रहा है उन्हें पता नहीं है कि किसान बहुत ताकतवर होते हैं और जब तक यह काले कानून सरकार वापस नहीं ले लेते तब तक किसान आंदोलन करते ही रहेंगे
इसी के कारण 7 जानेवारी को किसान दिल्ली की तरफ 60000 ट्रैक्टर ले गए जिसमें उनका साथ काफी महिलाओं ने भी दिया किसानों का कहना है कि जब तक यह बीजेपी सरकार इन काले कानूनों को वापस नहीं ले लेते तब तक हम आंदोलन करते ही रहेंगे क्योंकि किसानों को पता है अगर यह काले कानून भविष्य में रहे तो किसान कभी भी तरक्की नहीं कर पाएगा और इसी की वजह से किसान इतनी बड़ी तादाद में इन काले कानूनों का विरोध कर रहे हैं
नरेंद्र मोदी ने गंगा से भाषण दिया था कि जो नए कृषि कानून बनाए गए हैं वह किसानों के हित में है लेकिन किसानों का कहना है कि किसान दिल्ली में आंदोलन कर रहे हैं और भारत के पीएम गंगा में भाषण दे रहे हैं नरेंद्र मोदी ने दिल्ली जाकर किसानों से अब तक मुलाकात नहीं की है उन्हें पहले किसानों से मुलाकात करनी चाहिए थी गंगा से भाषण देने में कोई फायदा नहीं है उन्हें यह सुनना चाहिए कि उनके देशवासी उनसे क्या चाहते हैं क्यों इतनी बड़ी तादाद में किसान इन बिलों का विरोध कर रहे हैं नरेंद्र मोदी को किसानों के साथ बैठकर उनकी बात सुननी चाहिए और फिर हि इस बात पर कुछ हल निकालना चाहिए
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